A SECRET WEAPON FOR HINDI POETRY

A Secret Weapon For hindi poetry

मुख से तू अविरत कहता जा मधु, मदिरा, मादक हाला, झूम झपक मद-झंपित होते, उपवन क्या है मधुशाला!।३३। आज करे परहेज़ जगत, पर, कल पीनी होगी हाला, द

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